अजमेर. अजमेर यूआईटी में पंचशील याेजना क्षेत्र के बेशकीमती जमीन से जुड़े फर्जीवाड़े के एक मामले में एसीबी ने जयपुर के संभागीय आयुक्त और यूआईटी अजमेर के तत्कालीन सचिव रहे केसी वर्मा सहित 8 अफसरों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने यूआईटी के तत्कालीन अध्यक्ष नरेन शाहनी भगत के कार्यकाल में हुए घोटाले में मिलीभगत की। एसीबी ने एफआईआर दर्ज कर विशेष अदालत में पेश कर दी है। जल्द इनकी गिरफ्तारी हो सकती है। दरअसल, पंचशील याेजना क्षेत्र के बेशकीमती जमीन से जुड़े इस मामले में अवाप्तशुदा जमीन के एवज में लैंड फाॅर लैंड के तहत 842.16 वर्ग गज जमीन दी जानी थी, लेकिन शाहनी की शह पर केसी वर्मा सहित अन्य अधिकारियाें व कार्मिकाें ने पूरी जमीन का नियमन कर दिया। जमीन मालिक काे 5108 वर्ग गज जमीन दी गई। यही नहीं पंचशील याेजना के नक्शे से प्लाॅट ही मिटा दिए गए।
चाैरसियावास निवासी अजमत खां ने एसीबी को शिकायत कर बताया कि चाैरसियावास ग्राम के खसरा नंबर 727, 729, 730, 739 काे यूअाईटी ने पंचशील नगर आवासीय याेजना के लिए अवाप्त किया था। इसका अवार्ड जारी हाे चुका है। यूआईटी ने 1 जून 2009 काे क्षेत्र में जिन खातेदाराें की जमीन याेजना के लिए अवाप्त हुई थी उन्हें लैंड फाॅर लैंड के तहत विकसित प्लॉट दिए जाने का निर्णय किया था। मंत्री मंडलीय कमेटी ने 6 अगस्त 2012 काे इसकी स्वीकृति दी, जाे 22 अगस्त 2012 काे यूआईटी में प्राप्त हाे गई।
यूआईटी अध्यक्ष नरेन शाहनी ने पद का दुरुपयाेग करते हुए खसरा नंबर 727, 729 और 730 पर काटे गए याेजना के प्लाटाें काे यूआईटी के अधिकारियाें व कार्मिकाें से मिलीभगत कर मिटवा दिया। इस जमीन के खातेदाराें काे गलत तरीके से लाभ पहुंचाते हुए यूआईटी काे कराेड़ाें रुपए का चूना लगाया। पूरी जमीन का ही नियमन कर दिया, जबकि नियमानुसार लैंड फाॅर लैंड के तहत केवल 15% विकसित भूखंड दिए जाने थे। एसीबी ने 22 नवंबर 2019 काे एफआईआर दर्ज की जाे 27 नवंबर काे विशेष अदालत में पेश हाे गई।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ है मुकदमा
- नरेन शाहनी, यूआईटी के तत्कालीन अध्यक्ष
- केसी वर्मा, यूआईटी के तत्कालीन सचिव व संभागीय अायुक्त जयपुर
- राधाकिशन पालीवाल, यूआईटी के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य अभियंता
- गाेपाल चित्ताैड़िया, यूआईटी के तत्कालीन उप नगर नियाेजक
- उम्मेद सिंह राजावत, यूआईटी के तत्कालीन सहायक सचिव
- साहिब राम जाेशी, यूआईटी के तत्कालीन सहायक अभियंता
- कांता पत्नी राजकुमार - विवादित जमीन की खातेदार
- खूबचंद पुत्र झूमड़ाेमल - विवादित जमीन का खातेदार